Wednesday, January 22, 2025

हाल ही में इसरो की उपलब्धियां: विकास इंजन

 

हाल ही में इसरो की उपलब्धियां: विकास इंजन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने हाइपरगोलिक लिक्विड-फ्यूल रॉकेट इंजन, विकास, के साथ एक और मील का पत्थर हासिल किया है। इंजन की पुनः चालू करने की क्षमता का सफल परीक्षण इसरो के लॉन्च वाहनों की पुन: प्रयोज्यता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उपलब्धि इसरो की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और वाणिज्यिक संचालन में अग्रणी बने रहने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।


विकास इंजन: एक परिचय

विकास इंजन, इसरो द्वारा विकसित हाइपरगोलिक लिक्विड-फ्यूल रॉकेट इंजनों का परिवार है। यह इंजन प्रमुख लॉन्च वाहनों जैसे PSLV, GSLV और LVM3 के लिक्विड चरणों को शक्ति प्रदान करता है। 1970 के दशक में पहली बार विकसित किए गए इस इंजन में समय के साथ कई तकनीकी सुधार किए गए हैं।


हालिया परीक्षण की उपलब्धियां

17 जनवरी, 2025 को इसरो ने विकास इंजन के सफल पुनः चालू परीक्षण को अंजाम दिया। इस परीक्षण में:

  • इंजन को 60 सेकंड के लिए फायर किया गया।
  • 120 सेकंड के लिए बंद रखा गया।
  • इसके बाद 7 सेकंड के लिए दोबारा चालू किया गया।

यह परीक्षण दिसंबर 2024 के पहले परीक्षणों से उन्नत था, जहां शट-ऑफ अवधि कम थी।


विकास इंजन के विनिर्देश

  • ईंधन: असममित डाइमेथिलहाइड्राजिन (UDMH)
  • ऑक्सीडाइज़र: नाइट्रोजन टेट्रॉक्साइड (N2O4)
  • अधिकतम थ्रस्ट: 725 kN
  • प्रणोदक लोडिंग:
    • PSLV और GSLV मार्क I/II: 40 टन
    • LVM3: 55 टन

विकास इंजन के प्रकार

  1. HTVE (हाई थ्रस्ट विकास इंजन):

    • GSLV के लिए 800 kN थ्रस्ट के साथ संशोधित।
  2. HPVE (हाई प्रेशर विकास इंजन):

    • भविष्य के GSLV बूस्टर के लिए विकासाधीन।

थ्रॉटलिंग परीक्षण

जनवरी 2023 में विकास इंजन का पहला थ्रॉटलिंग परीक्षण हुआ। इसमें 43 सेकंड के लिए 67% थ्रस्ट स्तर प्राप्त किया गया। थ्रॉटलिंग तकनीक लॉन्च के दौरान सटीक गति और प्रक्षेपवक्र नियंत्रण सुनिश्चित करती है।


गगनयान मिशन में योगदान

विकास इंजन भारत के गगनयान मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह मिशन भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान का हिस्सा है। उच्च थ्रस्ट वैरिएंट का सफल परीक्षण इसे चरम स्थितियों में लचीलापन प्रदान करता है।

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